नई दिल्ली :- इनकम टैक्स विभाग ने हर ट्रांजेक्शन को लेकर कोई न कोई नियम बनाया हुआ है। ऐसे में अगर आप इन नियमों का उलंघन्न करते हैं तो इसकी वजह से आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (income tax department) द्वारा आपको नोटिस भी भेजा जा सकता है। इस वजह से ये काफी ज्यादा जरूरी है कि आप इस बारे में जान लें कि प्रॉपर्टी को खरीदने के दौरान कितने कैश को यूज कर सकते हैं। खबर में जानिये इस बारे में पूरी डिटेल।
इतनी राशि को ही कैश में कर सकते हैं वसूल
जानकारी के लिए बता दें कि इनकम टैक्स (IT update) के नियमों के मुताबिक आप 19,999 रुपये से ज्यादा राशि को कैश में नहीं ले सकते हैं। इसके लिए 2015 में इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 269SS, 269T, 271D और, 271E में बदलाव किया गया था। इसमें से 269SS (IT Act 269SS kya h) में किया गया बदलाव काफी ज्यादा जरूरी है जो ऐसी स्थिति में जुर्माने को लेकर जानकारी देता है। सरकार ने ऐसा काले धन पर रोक लगाने की मंशा से किया था। दरअसल, कैश से हुए लेनदेन के बाद इस बात का पता लगा पाना मुश्किल हो जाता है कि वह नकद (CAsh verification) वैध तरीके से कमाया गया है या फिर नहीं।
धारा 269SS के तहत बनाया गया है नियम-
धारा 269SS के तहत अगर कोई भी व्यक्ति जमीन (land buying rules) (चाहें वह खेती के लिए ही क्यों न ली जा रही हो), घर व अन्य तरह की अचल संपत्ति को बेचता है तो इस परिस्थिति में वो व्यक्ति (cash limit in india) 20,000 रुपये या उससे अधिक की रकम को कैश में वसूल नहीं सकता है। अगर कोई व्यक्ति नियमों (IT New rules) का उलंघन्न करता हैं तो ऐसी परिस्थिति में उसपर 100 फीसदी का जुर्माना लगाया जाता है।
जानिये क्या है 100 फीसदी जुर्माना
आयकर अधिनियम की धारा 269SS के तहत अगर कोई भी शख्स प्रॉपर्टी को बेचते (Property Selling rules) के समय 20 हजार या फिर उससे ज्यादा की रकम कैश (cash transaction rules) में ले रहा है तो उस पूरी रकम को हर्जाने के रूप में भरना होता है। मतलब आपने चाहें 50,000 रुपये लिए हों या 1 लाख रुपये, वह पूरी रकम पेनल्टी के तौर पर आयकर विभाग (IT department penalty) के पास चली जाती है।
इसके अलावा ये भी है नियम
आयकर विभाग की ओर से धारा 269T (Section 269T kya h) को भी बनाया गया है। अगर ऐसा सौदा किसी भी वजह से रद्द हो गया है तो ऐसी परिस्थिति में खरीदार ने प्रॉपर्टी डीलर या विक्रेता से नकद में ही वापस रकम मांगी तो एक बार फिर पेनल्टी लग जाती है। अगर 20,000 रुपये या उससे ज्यादा की रकम कैश (cash limit at home) में लौटाई जाती है तो 269SS की ही तरह पूरी रकम पेनल्टी में चली जाती है। हालांकि, ये कानून सरकार, सरकारी कंपनी, बैंकिंग कंपनी या केंद्रीय सरकार द्वारा चिह्नित खास व्यक्ति व संस्थान (NBFC for loan) पर लागू नहीं होता है।
ऐसे करें प्रॉपर्टी से जुड़ा लेनदेन
प्रॉपर्टी के सौदे में आप सिर्फ 19999 रुपये तक का ही कैश लेनदेन (Cash Transactions rules in India) कर सकते हैं। यह आपकी रजिस्ट्री में सपष्ट रूप से दिखाया जाता है। इसके ऊपर की रकम को आप चेक या इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजेक्शन (Internet banking) के माध्यम से किया जा सकता है। हालांकि इस बात का ध्यान दें कि रजिस्ट्रार आमतौर पर प्रॉपर्टी के लिए कैश में हो रहे लेनदेन की वजह से रजिस्ट्री कैंसल नहीं करता बल्कि वे रजिस्ट्री करेंगे लेकिन कैश संबंधित डाटा (Cache related data) आयकर विभाग को भेज देंगे। इसके बाद आपके लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है।